लुधियाना ब्‍लास्‍ट: आरोपी गगनदीन के पास ही था बम, डीजीपी ने कहा- जेल में हुई थी खालिस्तानी आतंकियों से दोस्ती

लुधियाना ब्‍लास्‍ट: आरोपी गगनदीन के पास ही था बम, डीजीपी ने कहा- जेल में हुई थी खालिस्तानी आतंकियों से दोस्ती

लुधियाना ब्‍लास्‍ट: आरोपी गगनदीन के पास ही था बम

लुधियाना ब्‍लास्‍ट: आरोपी गगनदीन के पास ही था बम, डीजीपी ने कहा- जेल में हुई थी खालिस्तानी आतंकियों

चंडीगढ़। पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने लुधियाना बम विस्फोट में पंजाब पुलिस के बर्खास्त पुलिस कर्मी का हाथ होने के साथ-साथ उसका लिंक पाकिस्तानी एजेंसी, ड्रग माफिया और खालिस्तानियों के साथ होने का दावा किया है। यह भी दावा किया कि पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और अपनी इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ मिलकर 24 घंटे के अंदर-अंदर यह मामला सुलझा लिया है।

बर्खास्त पुलिस कर्मी गगनदीप सिंह के पास यह विस्फोटक सामग्री कहां से आई, इस पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है फिर भी हम अपने सभी मालखानों का आडिट करवा रहे हैं, ताकि पता चल सके कि कहीं उसने पुलिस के मालखानों में पड़े विस्फोटक पदार्थों को चुराकर इस्तेमाल तो नहीं किया है। डीजीपी ने इस बात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की कि पंजाब में ड्रग माफिया, आर्गेनाइज्ड क्राइम और आतंकवाद का खतरनाक गठजोड़ बन गया है और लुधियाना बम विस्फोट उसी की एक उदाहरण है।

चट्टोपाध्याय ने कहा कि नारकोटिक्स पर नकेल कसने के लिए जब से स्पेशल टास्क फोर्स ने ड्रग्स माफिया पर नकेल कसी है तभी से वे लुधियाना बम विस्फोट जैसी घटनाएं करवाकर माहौल को खराब करने पर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये के नशीले पदार्थों के कारोबार पर अगर पुलिस शिकंजा कसेगी तो निश्चित तौर पर इससे जुड़े लोग हमें डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन आज पूरी पंजाब पुलिस ही एसटीएफ बन गई है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

डीजीपी ने कहा कि लुधियाना ब्लास्ट बहुत शक्तिशाली था। मौके से हमें काफी लीड मिले। मृतक के हाथ पर हमें टैटू मिला। इस टैटू से ही उसकी पहचान हुई है। उन्हाेंने कहा कि गगनदीप कंप्यूटर तकनीक का माहिर था और वह विस्फोटक लगाने के लिए तारों को लगा रहा था, इसी दौरान ब्लास्ट हो गया। जांच में पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं। एक सवाल के जवाब में डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि उसके साथ और कौन-कौन शामिल हैं, इसकी भी लीड हमें मिली है, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती उसके बारे में बताना सही नहीं है। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि एक महिला पुलिसकर्मी भी उसके साथ थी।

डीजीपी ने माना कि जब 2019 में उसे गिरफ्तार किया गया था तब उसका संबंध केवल ड्रग्स बेचने से था, लेकिन जेल में दो साल रहने के बाद वह कुछ रेडिकल तत्वों से मिला। ये लोग कौन हैं हम इसकी जांच कर रहे हैं। इसके पास विस्फोटक कहां से आया। बम विस्फोट के पीछे इसका मकसद क्या था। इन सभी पहलुओं पर जांच चल रही है और हमें काफी कुछ मिल गया है।

डीजीपी चट्टोपाध्याय ने माना कि जिला अदालत की सुरक्षा को लेकर चूक हुई है। उन्होंने कहा कि वहां एक दर्जन से ज्यादा अंदर आने और बाहर निकलने के रास्ते हैं। सभी पर सुरक्षा मुहैया करवाना संभव नहीं है। हमने जज साहिबान और बार एसोसिएशन वालों से बात की है। अगले हफ्ते तक सभी खामियों को दूर कर दिया जाएगा। ऐसा केवल लुधियाना में ही नहीं, हम दूसरे 67 शहरों की कचहिरयों में भी करेंगे। बिक्रम मजीठिया के मामले में दर्ज केस को राजनीतिक बदलाखोरी के आरोपों का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा कि जब उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी या ड्रग्स के खिलाफ रिपोर्ट दी थी तब भी क्या राजनीतिक बदलाखोरी थी। अगर तब नहीं था तो अब कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तार न करने का मतलब यह नहीं है कि जांच नहीं चल रही है।